Brahmand ki utpatti kaise hui
Brahmand ka nirman kaise hua
Brahmand ki utpatti kaise hui
Introduction
नमस्कार दोस्तों आज मैं बात करूंगा हमारे इस विशाल ब्रम्हांड के बारे में की Brahmand ka nirman kaise hua और भी बहुत कुछ इसके बारे में बताऊंगा। तो जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ अंत तक, तो चलिए सुरु करते हैं हमारे यह ब्रह्मांड की यात्रा।
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Brahmand ki utpatti kaise hui in hindi
आज से करीब 13.8 अरब साल पहले यह हमारा ब्रह्मांड आप नीचे तस्बीर में देख सकते हैं।
यह ☝️ छोटा सा परमाणु (atom) के आकार का गोला था हमारा बयह ब्रह्मांड। हम अभी यह जो दुनिया देख रहे हैं धरती, आकाश, चांद, सूरज , galaxies आदि यह सब इस छोटे से गोले में समाए हुए थे। और उस वक़्त समय और ग्रहों नक्सत्रों भी कोई नामो निशान नही था। और नाही कोई रोहणी और हर तरफ सिर्फ अंधेरा ही था।
लवकिं उसी समय हमारा ब्रह्मांड वजूद में आने वाला था, और ऐसा हुआ भी। 1 second से भी कम वक्त में यह छोटा सा परमाणु (atom) का गोला हर तरफ फैल गया और इसीको हम कहते हैं the big bang.
इस गोले के अंदर जितनी भी ऊर्जा थी वो सब फैल गयी और इससे अंतिरिक्ष (space) और समय (time) का जन्म हुआ। और यह ऊर्जा करोड़ों सालों तक फैलती रही और इतने समय में। यह धीरे धीरे ठंडी होने लगी और इसी ऊर्जा के चलते matter का गठन हुआ अरबों छोटे छोटे sub-atomic particles के रूप में जिसे हम परमाणु (atom) कहते हैं। Quarks, electrons, Newtron's और protons इन सब चीजों का गठन हुआ।
Matter and anti matter in hindi
उस समय दो प्रकार की चीजें बानी थीं आधी थी matter जिससे यह दुनिया बानी है और हम सब बने हैं। और दूसरा था anti matter जो कि matter का बिपरीत था। इसके विपरीत होने के कारण जब matter और antimatter आपस में टकराते थे तब यह एक दूसरे को खत्म कर देते थे।
लवकिं हम खुशकिस्मत थे क्योंकि matter anti matter से ज़्यादा था तो सभी matter और anti matter खत्म हो गए। लेकिन matter ज़्यादा होने के कारण 1 matter का कण बाख गया था और उसके बिपरीत कोई नही बचा था जो कि उसको खत्म कर सके और आखिर में वही गोल बिस्फोर्ट हो गया। और इसी एक गोले से तारों और ग्रहों का जन्म हुआ।
सुरुवात में जो big bang हुआ उसमें brahmand अस्तित्व में आया और matter के एक गोले के चलते ब्रह्मांड की अंदर की चीजें बाहर आईं। और उस गोले के फटने के बाद सब कुछ ठंडा हो गया और सब कुछ बनना सुरु हुआ।
धूल जैसे दिखने वाले ब्रह्मांड में एक अदृश्य सकती काम करने लगी और वो थी घृतवाकर्सण बल (gravity) कहते हैं। और इसके चलते वो सभी परमाणु (atoms) आपस में जुड़ने लगे और वक दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगे।
Gravity | घृतवाकर्सण बल
Gravity का मतलब घृतवाकर्सण बल जो कि किसीबचेसज़ को आपस में जोड़े रखता है। जैसे कि हमारी धरती हमे अपने ज़मीन (surface) से ऊपर अंतिरिक्ष (space) में उड़के जाने नही देती और आपस में जोड़े रखती है। इसीको घृतवाकर्सण बल (gravitational force) कहते हैं।
सुरुवात में इस ब्रह्मांड में ज़्यादातर hydrogen atom रहते थे और हर जगह घृतवाकर्सण बल उन परमाणुओं को आपस में दबाने लगा। जिस जगह hydrogen atoms एक दूसरे के नज़दीक आते थे उस जगभका तापमान लाखों डिग्री सेल्शियस तक बढ़ जाता था।
Brahmand ka pehla tara kaise bana
जब hydrogen atoms घृतवाकर्सण बल की बजह से एक दूसरे के करीब आने लगे तब उन परमाणुओं के आसपास के जगह का तापमान लाखों डिग्री सेल्शियस तक बढ़ जाता था और ऐसे बढ़ते बढ़ते जब यह 1 करोड़ डिग्री तक बढ़ गए तब एक प्रक्रिया सुरु हो गयी जिसे nuclear fusion कहते हैं।
एयरबस बहुत ही ज़्यादा ऊर्जा निकली और उसी समय इस brahmand ka pehla tara bana. फिर इसका एक पड़ोसी तारा (star) बना और सुरुवात में 200 से 300 के करीब। तारे बने। और इसी प्रक्रिया के दौरान लाखों सालों में करोड़ों तारे वजूद में आये।
और घृतवाकर्सण बल के चलते वो सब तारे एक दूसरे के करीब आने लगे और ऐसे अरबों तारे एक साथ एक जुट हो गए यह कुछ ऐसा लगा, जिसे आज हम आकाशगंगा (galaxy) कहते हैं।
इसी तरह समय के साथ अनंत आकाशगंगाएं (galaxies) बने और इन्ही आकाशगंगाओं में से हमारी भी एक आकाशगंगा है जिसे हम प्यार से से milky way galaxy कहते हैं।
Grah ka nirman kaise hua
आकाशगंगाएं बनने के बाद जो धूल और कंकड़ अंतिरिक्ष में बचे हुए थे वो घृतवाकर्सण बल के चलते वो भी एक दूसरे से जुडने लगे। और जो meteoroids और astroids थे वो भी एक दूसरे से टकराकर जुड़ने लगे और ऐसा होते होते ग्रहों (planets) का निर्माण हुआ।
और इसी तरह हमारा सूरज, सौरमंडल और धरती बने जिसमें हम रहते हैं। तो आपको पता चल गया होगा कि brahmand kise kehte hain और brahmand ki suruwat kaise hui इसमें पूरा brahmand ka adhyayan किया है।
Brahmand kitna bada hai
Cosmic inflation theory की हिसाब से देखें तो हमारा brahmand 160 sextillion गुना बड़ा है हो सकता है हमारे observable universe से। और इसे नंबर में गिने तो कुछ ऐसा होगा - 150, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000 यानी 15 के आगे 22 सुन्य।
और यह तो सिर्फ एक calculation है और हमारा ब्रह्मांड इससे भी बड़ा हो सकता है और यह हमें ना इस दुनिया मविन रहने वाले किसीको भी पता है। क्योंकि हम अभी तक observable universe तक ही देख पाए हैं। और हमारा ब्रह्मांड हर एक पल तेज़ी से फैलता ही जा रहा है।
और अगर आप नही जाने की observable universe kya hai तो इसके बारे में एक और आर्टिकल लाऊंगा तो उसके अपडेट के लिए आप मेरे website को ऑब्स्क्रिब कर सकते हैं।
Conclusion
मैने यहां पर बताया है कि Brahmand ka nirman kaise hua और brahmand kitna bada hai यह भी। अगर आप ऐसे और टॉपिक्स के बारे में और भी knowledge पाना चाहते हैं तो इस website को सब्सक्राइब कर सकते हैं धनन्यबाद।
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